सुअर में मिले वायरस को चीन ने कमतर आंका, कहा- रिसर्च रिपोर्ट छोटी, पेश करने लायक नहीं; शोधकर्ताओं का दावा- इसमें महामारी फैलाने की क्षमता

सुअर में मिले स्वाइन फ्लू वायरस के नए स्ट्रेन G4 EA H1N1 को चीन ने कमतर आंका है। जबकि चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस के इस स्ट्रेन में महामारी फैलाने की पूरी क्षमता है। चीनी वैज्ञानिकों के मुताबिक, चीन में मिला यह वायरस में अपना रूप बदलकर (म्यूटेट) इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है। कोरोनावायरस से पहले दुनिया में अंतिम बार फ्लू महामारी 2009 में आई थी और उस समय इसे स्वाइन फ्लू कहा गया था। चीन ने ऐसा बयान तब जारी किया गया है जबकि दिसम्बर 2019 से वुहान से फैले कोरोना के दुनियाभर में अब तक 1 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा, रिपोर्ट पेश करने लायक नहीं
अमेरिकी साइंस जर्नल पीएनएएस में प्रकाशित शोध के मुताबिक, स्वाइन फ्लू वायरस का नए स्ट्रेन इंसानों को संक्रमित करके एक और महामारी ला सकता है। लेकिन चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने इसे कमतर आंकते हुए कहा, G4 वायरस एच1एन1 वायरस का एक प्रकार है। हमारे विशेषज्ञ इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि रिपोर्ट काफी छोटी है और यह पेश करने लायक नहीं है।
प्रवक्ता झाओ लिजियान के मुताबिक, सम्बंधित विभाग और विशेषज्ञ लगातार इस बीमारी की निगरानी कर रहे हैं और समय-समय पर चेतावनी दे रहे हैं।
G4 में संक्रमित करने की अधिक क्षमता
रिसर्च रिपोर्ट कहती है कि आनुवांशिक तौर पर G4 स्वाइन फ्लू स्ट्रेन एच1एन1 का वंशज है। इसकी पुष्टि चीन के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन और चाइनीज यूनिवर्सिटीज ने भी की है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, G4 में संक्रमित करने की अधिक क्षमता है। यह इंसानी कोशिकाओं में अपनी संख्या तेजी से बढ़ाकर दूसरे वायरस के मुकाबले हालत नाजुक कर सकता है।
30 हजार सुअर से सैम्पल लिए गए
शोधकर्ताओं ने चीन के 10 प्रांतों से 30 हजार सुअर की नाक से नमूने लिए। इसमें से 179 स्वाइन फ्लू वायरस अलग किए गए। सुअर स्लॉटरहाउस में काम करने वाले 10.4 फीसदी वर्कर इससे संक्रमित भी पाए गए। रिसर्च के मुताबिक, अब तक इस वायरस का एक से दूसरे इंसान में फैलने का मामला सामने नहीं आया है। अब तक G4 ने कितनों को संक्रमित किया, चीन के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी नहीं दी है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि G4 का इंसानों में संक्रमण होना सोचने वाला विषय है क्योंकि अगर ये इंसानों में पहुंचा तो एक नई महामारी लाएगा। इसके लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है साथ ही सुअर पर नजर रखना भी बेहद अहम है।
यह फैला तो रोकना मुश्किल होगा
कोरोनावायरस से पहले 2009 में स्वाइन फ्लू वायरस से महामारी फैली थी। मैक्सिको से शुरू हुआ स्वाइन फ्लू उतना घातक नहीं था, जितना कि अनुमान लगाया गया था। इस बार कोरोनावायरस के कारण 1 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। ऐसी स्थिति में अगर नया वायरस फैलता है, तो इसे रोकना बहुत मुश्किल होगा।
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